दोस्तों आप सभी को बता दें कि यूपी बोर्ड कोपीयों का मूल्यांकन अब 25 अप्रैल से ना होकर अब लॉकडाउन के बाद ही शुरू किया जाएगा।प्रदेश में कोरोना महामारी के मामले बहुत ही ज्यादा तेजी से बढ़ रहे हैं इसलिए प्रधानाचार्य और शिक्षकों के विरोध को देखते हुए बोर्ड असमंजस में है। इसको देखते हुए यूपी बोर्ड मैट्रिक और इंटर के अभ्यर्थियों को रिजल्ट के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा। सभी अभ्यर्थियों को इस बार जून के दूसरे या तीसरे सप्ताह तक इंतजार करना पड़ेगा। इससे पहले 17 अप्रैल को उपमुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए 25 अप्रैल को कार्य शुरू करने का आदेश दिया था। उनकी एक अच्छी इच्छा थी कि सभी स्टूडेंट्स का रिजल्ट जल्दी ही घोषित कर दिया जाए। लेकिन अब कठिन परिस्थिति में यह संभव नहीं है।
आप सभी को बता दें कि एक तिहाई कर्मचारियों के साथ बोर्ड कार्यालय सोमवार को खुल गया था। इस समय है सर्वप्रथम महत्वपूर्ण काम प्रदेश के 275 केंद्रों पर 3.10 करोड से अधिक कॉपियों का मूल्यांकन है। इससे अनुमान लगाया जा सकता है की इन कॉपियों का मूल्यांकन दुगुने समय में निपटाया जाएगा इससे यह पता चलता है कि आप का रिजल्ट जून के दूसर सप्ताह तक आना नामुमकिन है। इस कोरोनावायरस की महामारी से जो हालात पैदा हुए हैं इसमें 25 से 30 दिनों में कॉपियों का मूल्यांकन होना संभव है। जिन स्कूलों में मूल्यांकन केंद्र बनाए गए हैं।वहां शिक्षकों को बैठने के लिए सीमित जगह है। पहले एक बेच पर 4-4 शिक्षक बैठकर कॉपियां जांच करते थे। लेकिन अब केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक अब दो लोगों के बीच कम से कम 2 मीटर की दूरी होनी आवश्यक है।
और आपको बता दें कि सभी 275 मूल्यांकन केंद्रों का एक साथ मूल्यांकन शुरू होना संभव नहीं है। लखनऊ, आगरा, नोएडा, मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद जैसे जिलों की समीक्षा करनी होगी। क्योंकि इस जिलों में 50 से अधिक कोरोना संक्रमित है। और कई मोहल्ले होसपोट किए गए हैं।ऐसे में ऐसे इलाकों में कोठियों का मूल्यांकन करना संभव नहीं है ऐसे में 25 अप्रैल से कॉपियों का मूल्यांकन तो शुरू हो जाएगा लेकिन इनमें दुगुना टाइम लगने वाला है।